नारी शक्ति की अलख जगाने को आज जुटेंगी महिलाएं
राजनांदगांव । नारी सशक्तीकरण व महिला स्वाभिमान को लेकर नईदुनिया (जागरण प्रकाशन समूह) की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निकाली जाने वाली विमेंस स्कूटर रैली को लेकर पूरा शहर उत्साहित है। स्वस्फूर्त सहयोग के बीच सहभागित को लेकर महिलाओं के साथ युवतियों में भी अपार उत्साह देखा जा रहा है।
सहभागिता बढ़ाने में जुटीं महिलाएं
रैली में हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित करने संस्था-संगठन की महिलाएं व्यापक प्रचार में लगी हुई हैं। रविवार को डोर-टू-डोर जाकर स्व-सहायता समूहों के अलावा समाजसेवा से जुड़ी महिलाओं को जोड़ने के लिए दिनभर सक्रिय रहीं। वो कान्हा महिला मंडल, श्री मारवाड़ी गौड़ ब्राह्मण महिला मंडल, वसुधा फाउंडेशन, कमला कालेज, लायंस क्लब से संजय सिंगी, जनसंवेदना महिला संगठन आदि के पदाधिकारी लगे रहे।
म्युनिसिपल स्कूल से गंजलाइन
स्कूटर रैली की शुरुआत म्युनिसिपल स्कूल मैदान से होगी। वहां महापौर हेमा देशमुख रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी। वहां से रैली गुरुनानक चौक होती हुई आंबेडकर चौक पहुंचेगी और बसंतपुर रोड की तरफ मुड़ेगी। गौरव पथ से मुड़ने के बाद सीधे यह इंदिरा नगर चौक पहुंचने से पहले दुर्गा चौक की तरफ बढ़ जाएगी। वहां से ब्राम्हणपारा चौक होती हुई मानव मंदिर चौक पहुंचेगी, फिर हलवाई लाइन से भारत माता चौक होती हुई गंजलाइन जाकर विसर्जित होगी। वहीं पर समापन कार्यक्रम होगा।
संदेश वाकई अतुलनीय है
वसुधा फाउंडेशन की अध्यक्ष वर्षा अग्रवाल का मानना है कि मां दोस्त की तरह इसलिए व्यवहार करती है ताकि बेटी उससे अपनी परेशानी को शेयर कर सके। नईदुनिया के माध्यम से यही संदेश दिया जाना वाकई अतुलनीय है। मां अपनी बेटी से परिवार चलाने की कला सीखती है। नईदुनिया की स्कूटर रैली से महिला सशक्तीकरण का सपना पूरा होगा।
पहचान दिलाने वाला है
समाजसेविका अर्चना दास कहती हैं कि नईदुनिया का आयोजन महिलाओं को समाज में नई पहचान दिलाने वाला है। बेटी अपनी मां से परिवार चलाने की कला सीखती है। मां और बेटी जैसा रिश्ता कोई भी नहीं हैं। मां और बेटी की जिंदगी ही पटरी पर रहती है। ठीक वैसे ही जैसे वे स्कूटर पर सवार होकर चलती हैं। यह स्कूटर रैली में देखने को मिलेगा।
सर्वोच्च स्थान बना लिया है
कमला कॉलेज की प्राचार्य डा. सुमन बघेल के अनुसार महिलाओं ने समाज में अपना सर्वोच्च स्थान बना लिया है। हर क्षेत्र में बराबर की भागीदारी कर रही हैं। मां की शिक्षा ही बेटी की पीढ़ियों को भविष्य के लिए मार्ग दिखाती है। मां अभिभावक की भूमिका कभी निभाना नहीं चाहती। वह तो बेटियों के साथ दोस्त की तरह इसलिए व्यवहार करती है ताकि बेटी उससे अपनी परेशानी को शेयर कर सके। नईदुनिया की स्कूटी रैली पहल काफी सराहनीय है।
पीढ़ियों को मार्ग दिखाती है
समाजसेविका अंजुम जहान का कहना है कि रैली के माध्यम से नारी सशक्तीकरण की मिसाल पेश करने का प्रयास सराहनीय है। बेटी का शादी के बाद घर बदल जाता है, लेकिन उसके मन में संस्कार मां के ही रहते हैं। मां की शिक्षा बेटी पीढ़ियों को मार्ग दिखाती है। महिलाएं जागरूक होंगी तो समाज भी स्वस्थ होगा।
मिलेगा सम्मानजनक स्थान
लायंस क्लब से जुड़ीं अधिवक्ता शारदा तिवारी कहती हैं कि समाज में महिलाओं को सम्मानजक स्थान दिलाने के लिए इस तरह का आयोजन सामयिक है। नारी शक्ति के बिना समाज की कल्पान नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि मां ही होती है, जो बेटी के संभलते ही उसमें संस्कार की बीज रोपती है। जब वह बड़ी होकर ससुराल जाती है तो बीज से पौधे बने संस्कारों के पेड़ के नीचे कई पीढ़ियां फलती-फूलती हैं। इस गतिविधि से महिला सशक्तीकरण का सपना पूरा होगा।
कारगर साबित होगा
लायनेस सबीहा गाजी ने कहा कि मां की शिक्षा बेटी की पीढ़ियों को मार्ग दिखाती है। नईदुनिया के माध्यम से नई पीढ़ी को नई दिशा बताने में कारगर साबित होगा। स्कूटर रैली पहल काफी सराहनीय कदम है। इससे नारी सशक्तीकरण सपना पूरा होगा। महिलाओं का उत्साहवर्धन होगा।
नारी की भूमिका नकारी नहीं जा सकती
अधिवक्ता व मारवाड़ी गौड़ ब्राह्मण महिला मंडल की सचिव वीणा शर्मा कहती हैं कि इतिहास से लेकर वर्तमान तक यदि देखा जाए तो समाज को सुदृढ़ बनाने में नारी की भूमिका नकारी नहीं जा सकती है। वह परिवार को चलाने वाली कुशल गृहिणी, गृहलक्ष्मी और अन्नापूर्णा है। पति की छाया बनकर निरंतर उसका साथ निभाने वाली पवित्र गंगा की धारा-सी निर्मल, सुख-दुख में सहभागी होने के साथ-साथ वह आर्थिक विकास में भी अपने दायित्व का भली-भांति निर्वाह कर रही है। सामाजिक रीति-नीति भी नारी के व्यक्तित्व में एक धरोहर के रूप में संचित है। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को अपनी गौरवपूर्ण परंपराओं को हस्तांतरित करने का महान उत्तरदायित्व भी उसके पास है। यदि नारी अपनी सन्तान के प्रशिक्षण में विश्व बंधुत्व, भाईचारे और समानता को दृष्टिगत रखे तो भावी पीढ़ियों में एकता को बनाए रखा जा सकता है। नैसर्गिक रूप से स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के पूरक हैं। जिस आधुनिक लोकतान्त्रिक समाज में पुरुष अपने व्यक्तित्व की नई ऊंचाइयां छू रहा है, उसके निर्माण में महिलाओं की भूमिका सर्वोपरि है। वर्तमान युग को नारी उत्थान का युग कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, आज हमारे देश भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना पताका फहरा रही हैं, मौजूदा सरकारें भी महिलाओं को हर क्षेत्र में अपना भविष्य निर्माण करने का अवसर उपलब्ध करा रही हैं जो महिलाओं के विकास के लिए रामबाण साबित हो रहा है। इन सबके बीच नईदुनिया की पहल महिलाओं के उत्साह को चौगुना करने वाला साबित होगा।
महिलाओं में आएगी जागरूकता
महावीर वार्ड 37 की पार्षद मधु बैद का कहना है कि नईदुनिया की ओर से महिला दिवस पर की जा रही पहल सराहनीय है। मां ही है, जो बेटियों को संभालती है और अच्छे संस्कार देती है। नईदुनिया की मां-बेटी स्कूटर रैली से महिलाओं में जागरूकता आएगी।
मां-बेटी जैसा कोई रिश्ता नहीं
लखोली निवासी लोमती साहू का मानना है कि बेटी अपनी मां से परिवार चलाने की कला सीखती है। मां और बेटी जैसा रिश्ता कोई भी नहीं है। मां की शिक्षा बेटी पीढ़ियों को मार्ग दिखाती है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नईदुनिया की पहल काफी सराहनीय है।
सशक्तीकरण का सपना होगा साकार
दुर्गा चौक निवासी गृहिणी चित्ररेखा बाई जंघेल का कहना है कि महिलाओं को सम्मान दिलाने इस तरह का आयोजन होना ही चाहिए। इससे महिलाओं में क्षमता का विकास होता है। साथ ही महिला सशक्तीकरण का सपना भी साकार होगा।
पीढ़ियों को मार्ग दिखाती है
लखोली नाका निवासी गृहिणी रेणु वर्मा का मानना है कि मां अभिभावक की भूमिका कभी नहीं निभाना चाहती। वह दोस्त की तरह इसलिए व्यवहार करती है ताकि बेटी उससे अपनी परेशानी शेयर कर सके। नईदुनिया की स्कूटर रैली पहल सराहनीय है।
मां से मिलती है सीख
गृहिणी सुनीता यादव कहती हैं कि मां ही होती है, जो बेटी के संभलते ही उसमें संस्कार की बीज रोपित करती है। जब वह बड़ी होकर सुसराल जाती है तो बीज से पौधे बने संस्कारों के पेड़ के नीचे कई पीढ़ियां फलती-फूलती हैं। नईदुनिया की इस गतिविधि से महिलाओं में उत्साह का संचार होगा।
रिश्तों की डोर को मजबूत करती है
जमातपारा निवासी आशा यादव का कहना है कि मां अपनों को करीब लेकर आती है और रिश्ते की डोर को उम्मीद से दोगुना मजबूत बनाती है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नईदुनिया की ओर से शहर में मां-बेटी स्कूटर रैली निकाली जाएगी। यह बड़ा ही सराहनीय है।
सराहनीय पहल
जनभागीदारी समिति शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय की अध्यक्ष प्रज्ञा गुप्ता का कहना है कि नईदुनिया का यह सराहनीय पहल है। इससे महिलाओं को प्रेरणा भी मिलेगी। वहीं महिलाओं का उत्साहवर्धन भी होगा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं व युवतियों के लिए नईदुनिया की स्कूटर रैली यादगार रहेगी।
उत्साहवर्धन होगा
कालेज छात्रा तराना बघेल का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पहली बार मां को अपनी बेटी-बहन व सहेलियों के साथ स्कूटर रैली में शामिल होने का अवसर मिलेगा। नईदुनिया की यह सराहनीय पहल है। ऐसे मौके पर समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हर महिलाओं का सम्मान जरूर होना चाहिए। इससे महिलाओं का उत्साहवर्धन हो सके।
इससे बड़ा सम्मान और कुछ नहीं
कमला कालेज की प्रोफेसर डा. मोंसी वर्गीस का कहना है कि सामाजिक व राजनीतिक स्तर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कई आयोजन होते हैं। पर नईदुनिया की स्कूटर रैली की पहल सच में सराहनीय है। महिला दिवस पर महिलाओं का इससे बड़ा और कोई सम्मान नहीं है। जिसमें एक साथ स्कूटर पर मां-बेटी या फिर सहेली शामिल होगी।