नदी पार करने में अब नहीं होगा जान जोखिम में डालने का भय : दुर्गम क्षेत्र के 06 ग्राम पंचायत के लोगों को हो रही है आवागमन में सुविधा

ग्रामीणों को अब बरसात के दिनों के आवागमन के लिए परेशानियों को सामना नहीं करना पड़ेगा। सुकमा जिले के ग्राम गंजेनार से होकर बहने वाली शबरी नदी में पुल बन जाने से 6 पंचायत के ग्रामीणों को आवाजाही में सुविधा हो रही है। वहीं बरसात के दिनों मंे नदी उफान में होने पर नदी पार करने में जो जान का जोखिम बना रहता था उससे राहत मिल गई है। इस पुलिया निर्माण से सीमावर्ती राज्य उड़ीसा के ग्रामीणों को भी आवामगन की सुविधा हो गई है।

सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर दूर शबरी नदी पर 500 मीटर पुल के निर्माण हो जाने से ग्राम गजेनार वासियों के साथ ही कोडरीपाल, कावसीरास, बोरगुड़ा, गुम्मा, तालनार, एवं बुड़दी के ग्रामीणों को आवामगन में होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल गई है। पहले क्षेत्रवासियों को शबरी नदी के दूसरे छोर पर बसे गांव में जाने के लिए पुजारीपाल, धोबनपाल, तालनार से होकर जाना पड़ता था, जिससे उन्हें लगभग 45 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी। ग्रामीण नाव से नदी पार करते थे जिससे जान का जोखिम बना रहता था। अक्सर नदी पार करते वक्त हादसा हो जाता था। बरसात के मौसम में शबरी नदी उफान में होने के कारण नाव भी अनुपयोगी हो जाता था। आवश्यकता होने पर ग्रामीणों को मजबूरी में सुकमा होते हुए नदी पार करके जाना पड़ता था। अब वे पुल के माध्यम से कम समय में आसानी से नदी पार बसे गांवों में आवागमन कर सकते है। उल्लेखनीय है कि उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने क्षेत्रवासियों से किए गए अपने वादों को पूरा करते हुए 09 फरवरी 2021 को छिंदगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत गंजेनार में शबरी नदी पर निर्मित इस पुल का शुभारंभ किया था। राज्य सरकार द्वारा वहां की स्थानीय जनता को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दुर्गम क्षेत्रों के नदी-नालों पर पुल का निर्माण किया जा रहा है।