छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

मोहला : कलेक्टर ने कृषि विभाग, उद्यानिकी, मत्स्य और पशुपालन की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की

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– कलेक्टर ने जिले के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में अधिकारियों को दिये अहम दिशा-निर्देश

मोहला । जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर तुलिका प्रजापति की अध्यक्षता में कृषि विभाग और उनके संबंधित विभाग उद्यानिकी विभाग, पशुपालन विकास विभाग और मत्स्य पालन विभाग की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने प्रत्येक विभाग की योजनाओं की गहन समीक्षा की और उनके क्रियान्वयन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर ने विशेष रूप से उद्यानिकी विभाग की योजनाओं पर जोर दिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जिले में उपयुक्त स्थानों का चयन करें, ताकि किसानों को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों में इन योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
        बैठक में कलेक्टर ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा की। उन्होंने दलहन, तिलहन, मक्का और धान की उत्पादन स्थिति की समीक्षा की, साथ ही खाद और बीज की उपलब्धता, भंडारण और वितरण की प्रगति की जानकारी ली। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति पर अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इन योजनाओं को अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने का निर्देश दिया ताकि इनसे अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके।
      कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि वे परंपरागत कृषि पद्धतियों में उगाई जाने वाली कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों से जुड़े किसानों की सूची तैयार करें और इन किसानों के लिए उपयुक्त कार्य योजना तैयार करें। इसके साथ ही, उन्होंने जिले में बीज संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश दिए और इस संदर्भ में एक ठोस कार्य योजना बनाने को कहा। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि जिले के किसानों को सड़क और पुलिया से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए अधिकारियों से कार्य योजना और प्रस्ताव प्राप्त किए जाएं।
      पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में छोटे पैमाने पर कार्य योजना बनाकर शुरुआत करने कहा। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जिले में दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों को जागरूक करें और उन्हें इस योजना से जोडऩे का प्रयास करें। इसके अलावा मत्स्य पालन विभाग की योजनाओं पर चर्चा करते हुए कलेक्टर ने मछली पालन, मछली बीज संचयन और मछुआरों को प्रशिक्षण देने जैसी योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक मछुआरों और किसानों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके।
      बैठक के अंत में कलेक्टर ने सभी विभागों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो और इसका लाभ जिले के किसानों और स्थानीय लोगों तक पहुंचे। उन्होंने समयबद्ध तरीके से योजनाओं को लागू करने और उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर विजेन्द्र सिंह पाटले, जिला पंचायत सीईओ भारती चन्द्राकर सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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