छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : आने वाली पीढ़ी के लिए जल संरक्षण एवं संवर्धन और वृक्षारोपण बहुत जरूरी – कलेक्टर

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– इंजेक्शनवेल रिचार्ज सिस्टम तैयार करने औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने जताई सहमति

राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण और संवर्धन के संबंध में औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जिले में जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है, उसे कैसे ठीक करना है उस पर विचार करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि उद्योग बिना पानी के नहीं चल सकता है। पानी की समस्या आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत बड़ी समस्या हो सकती है। इसके लिए जल संरक्षण एवं संवर्धन और वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करना बहुत जरूरी है। जिससे भूमिगत जल वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि बारिश के पानी को रोकना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही इस पानी को इंजेक्शन वेल के माध्यम से वाटर सोर्स फै्रक्चर जोन तक पहुचॉना होगा, जिससे सीधे भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम में एक वाटर सोर्स फै्रक्चर जोन की पहचान कर ली गई है। जिसमें आसानी से इंजेक्शन वेल का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले प्रत्येक गांव में कम से कम एक इंजेक्शन वेल रिचार्ज सिस्टम बनाना होगा। सभी ग्रामों में इंजेक्शन वेल रिचार्ज सिस्टम बनाने के लिए मिनी बोर मशीन की आवश्यकता है। जिसे आसानी से ले जाया जा सके। यह कार्य सभी की सहभागिता से संभव हो सकता है। इसके लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने मिनी बोर मशीन खरीदने पर सहमति जताई। इन मशीनों का उपयोग ग्राम पंचायतों में भू-जल के रिचार्ज हेतु किया जाएगा। वाटर रिचार्जिंग के लिए गुणवत्तापूर्ण अच्छे इंजेक्शन वेल का निर्माण हो यह सुनिश्चित करने कहा।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जल संकट की समस्या राजनांदगांव ही नहीं पूरे भारत में है, इससे बाहर निकलना बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों को कहा कि वे अपने आस-पास के संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग कर अधिक से अधिक वाटर रिचार्जिंग सिस्टम तैयार करें। इसके साथ ही अपने-अपने उद्योगों में परकोलेशन टैंक, कम से कम एक इंजेक्शन वेल और फेलियर बोरवेल में इंजेक्शन वेल सिस्टम तैयार करने कहा। उन्होंने बताया कि जिले के प्रत्येक गांवों में फसल विविधीकरण और जल संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में 5 हजार से अधिक संगोष्ठी की गई है। गांव-गांव में संगोष्ठी आयोजन से रबी में धान की फसल का रकबा कम हुआ है। इसकी जगह कम पानी उपयोग वाली मक्के की फसल ली गई है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुरूचि सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने बहुत अच्छा वृक्षारोपण किया था। इस वर्ष भी अपने आस-पास के क्षेत्रों में बड़े पौधों का अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और इसके लिए अभी से तैयारी शुरू करें। उन्होंने कहा कि जिले में जल समस्या बड़ी समस्या है। इसके लिए सभी औद्योगिक संस्थानों को आगे आने के लिए कहा। इस अवसर पर महाप्रबंधक व्यापार एवं उद्योग केन्द्र एसव्ही वर्गीस, जिले के औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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