छत्तीसगढ़धमतरी जिला

CG : आधुनिक मॉल की तर्ज पर पुरानी मंडी में खुलेगा साथी बाजार

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

स्थानीय उत्पादों और कारोबारियों के साथ राष्ट्रीय कंपनियां भी आएंगी

कलेक्टर ने नैफेड, नाबार्ड सहित कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक

धमतरी, आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के विजन को धमतरी जिले में भी जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा। धमतरी शहर के बीचों-बीच स्थित पुरानी कृषि उपज मंडी परिसर में आधुनिक मॉल की तर्ज पर साथी बाजार शुरू किया जाएगा। राज्य एवं केन्द्र सरकार की परियोजना के माध्यम से बनने वाले इस बाजार में बड़े आधुनिक मॉल जैसी सुविधाएं होंगी। इस बाजार की खसियत यह होगी कि यहां 50 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों और कारोबारियों को स्थान दिया जाएगा। वहीं 50 प्रतिशत राष्ट्रीय कंपनियां भी रहेंगी। साथी बाजार के संचालन के लिए जिले में किसानों के उत्पादक कंपनी बनाई जाएगी। आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने इस बाजार की स्थापना के लिए नैफेड, नाबार्ड सहित साथी बाजार परियोजना के नोडल अधिकारी और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के महाप्रबंधक सहित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक और मछलीपालन, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने इस बैठक में साथी बाजार के लिए जिले में 10 हजार महिलाओं की किसान उत्पादक कंपनी बनाने का काम शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने साथी बाजार की स्थापना के लिए स्थानीय स्तर पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों, कैट के प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्थानीय व्यापारिक संगठनों की भी मदद लेने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथी बाजार में स्थानीय उत्पादों के साथ मॉडर्न रिटेल आउटलेक, फुड कोर्ट, इंटरटेनमेंट जोन, एग्री मॉल, कृषि सहायता केन्द्र, संजीवनी केन्द्र, प्याज संग्रहण केन्द्र, मिनी थियेटर सहित पांच हजार मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोरेज भी स्थापित होगा। साथी बाजार में कम कमीशन पर उत्पादों की बिक्री होगी, जिससे क्रेता और विक्रता दोनों को फायदा होगा। फसलों के भण्डारण की सुविधा मिलने से कटाई के बाद किसानों को होने वाला नुकसान भी कम होगा। उत्पादन से विक्रय तक किसानों की सहभागिता सुनिश्चित होने से उनकी आय में वृद्धि होगी। अन्य राज्यों के साथी बाजारों से भी धमतरी के बाजार को जोड़ा जाएगा। धमतरी के किसान उत्पादक समूह देश के किसी भी बजार में अपना उत्पाद रखकर बेचने को स्वतंत्र होंगे, ऐसे में किसी फसल के कम उत्पादन होने से उसके दाम में होने वाली बढ़ोत्तरी या अधिक उत्पादन होने से दाम में होने वाली कमी जैसी समस्या से निजात मिलेगी। इस बाजार से किसानों को ग्राम स्तर पर रोजगार के नये अवसर मिलेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker