CG : सुदूर इलाकों में बिछा सड़कों का संजाल, ग्रामीणों का जीवन हुआ खुशहाल
दंतेवाड़ा। गांव हो या शहर, विकास के पैमाने में सड़क, रोड, पुल-पुलिया,जैसे अधोसंरचनाएं को देख कर ही तय किया जाता है। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा इन सभी क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे की मजबूती पर विशेष जोर दिया जा रहा है जहां इसकी तुरन्त जरूरत हो।
दंतेवाड़ा जिले में भी कई ऐसे गांव थे जो अब तक पक्की सड़कों से महरूम रहे है। केवल कच्चे पहुंच मार्ग एवं पगडंडियां से ही ऐसे ग्रामों तक पहुंचा जा सकता था। जाहिर तौर पर ऐसे अलग-थलग ग्रामों में बसे ग्रामीणों की दैनिन्दिनी कठिनाइयों से भरी तो होगी ही फिर चाहे वह हाट बाजार आना-जाना हो या फिर बच्चों को स्कूल पैदल चल कर आना। मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए पैदल चलने के सिवा कोई चारा ही नहीं था। जिले में ऐसे संवेदनशील ग्रामों में कुपेर, झिरका,कोरीरास, किडरीरास, मोलसनार, उदेला, परचेली, मारजूम, जैसे गांव पहुंच मार्ग विहीन गांव सूची में शामिल थे। वर्तमान में इन गांवों को मुख्य मार्गो से जोड़ा गया है। जिससे यहां के रहवासियों के जीवन की कठिनाइयां कम हुई है।
छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के माध्यम से वर्तमान में पीएमजीएसवाई योजना अंतर्गत माह अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक पीएमजीएसवाय-1 के तीन सड़के जिसकी लम्बाई 13.95 एवं रिनीवल संधारण की एक सड़क जिसकी लंबाई 9 किलोमीटर है पूर्ण कर ली गई है। इससे कुल मिलाकर उपरोक्त सभी बसाहटें लाभान्वित हो रही है। इसके तहत कुपेर से झिरका पैकेज क्र. सीजी 03-152, कोरीरास, किडरीरास कि.मी-2 से छोटे बेड़मा पैकेज क्र. सीजी 03-156, मोलसनार से उदेला पैकेज क्र. सीजी 03-206 परचेेली से मारजूम पैकेज क्र. सीजी-03 एम11 है। अगर सड़क निर्माण की पूर्व की समस्या का ज्रिक करें तो इस क्षेत्र में कामगारो का अभाव था जिससे सड़क निर्माण में दिक्कत आई इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण इन बसाहटों में पहुंच पाना आसान भी नहीं था। फिर भी प्रशासन के सहयोग, विभागीय अधिकारी कर्मचारी के प्रयासों एवं एजेंसी एवं ग्रामीणों के सहयोग से यह सभी कार्य सफलतापूर्वक सम्पादित हो पाए।
बहरहाल सड़क निर्माण कार्य से ग्रामीणों को मुख्य मार्गों से जुड़ाव के साथ-साथ स्कूल, स्वास्थ्य एवं हाट बाजार जैसी बुनियादी सुविधाएं प्राप्त करने में आसानी हुई कुल मिलाकर आवागमन सुचारू एवं बारहमासी होने से ग्रामीणों में हर्षित और उत्साहित हैं। यह कहना जरूरी होगा कि स्थानीय ग्रामीणों के लिए पक्की सड़के बनाकर यहां तरक्की के रास्तों को सुनिश्चित किया गया है।