मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में वाइब्रेंट विंध्य : रीवा में बायर-सेलर मीट का आयोजन

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व और उनके सतत प्रयासों से मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिली है। चार संभागों में सफल आरआईसी के बाद 23 अक्टूबर 2024 को रीवा में 5वीं आरआईसी आयोजित की जा रही है, जिसमें "वाइब्रेंट विंध्य" बायर-सेलर मीट होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का विजन राज्य में संतुलित और समान आर्थिक विकास को मजबूती प्रदान करना है। आरआईसी के माध्यम से प्रदेश औद्योगिक हब के रूप में विकसित हो रहा है। रीवा में होने वाली आरआईसी इसमें महत्वपूर्ण योगदान देगी।

रीवा में बायर-सेलर मीट: व्यापारिक अवसरों को नई दिशा

रीवा में होने वाली बायर-सेलर मीट विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई दिशा देगी। इस मीट में 2500 से अधिक उद्यमी शामिल होंगे। यह आयोजन न केवल व्यावसायिक साझेदारियों को बढ़ावा देने का मंच है, बल्कि विभिन्न राज्यों के उद्यमियों के बीच महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।

व्यावसायिक साझेदारियों के लिए बैठकें

इस मीट का प्रमुख आकर्षण व्यावसायिक साझेदारियों के लिए बैठकें हैं। जहां विंध्य क्षेत्र के स्थानीय उद्यमी और बाहरी राज्यों के उद्यमी बिज़नेस अपॉर्चूनिटीज़ पर चर्चा कर करेंगे। इसमें विचारों का आदान-प्रदान होगा और व्यवसाय के नए रास्ते खुलेंगे।

राज्य स्तर पर भागीदारी

इस बायर-सेलर मीट में 10 से अधिक राज्य उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और हरियाणा से उद्यमी शामिल होंगे। यह विविधता न केवल मौके को और रोचक बनाएगी, बल्कि व्यावसायिक नेटवर्क को भी मजबूत करेगी।

स्थानीय उद्यमियों के लिए अवसर

स्थानीय उद्यमियों को बाहरी राज्यों के उद्यमियों से सीधे मिलकर व्यापारिक अवसरों पर चर्चा करने का मौका मिलेगा। यह मंच न केवल नई व्यापारिक संभावनाओं को उजागर करेगा, बल्कि क्षेत्रीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक होगा।

अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध विंध्य अब व्यावसायिक अवसरों का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। यह बायर-सेलर मीट स्थानीय उत्पादों और सेवाओं को नए बाजारों तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण मंच साबित होगी, जिससे व्यापारिक संभावनाएँ और मजबूत होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस पहल से क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और नए निवेशकों को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी।

 मेहमान बघेलखंड के पारंपरिक व्यंजनों का लेंगे आनंद

रीवा में 23 अक्टूबर को होने जा रही कॉन्क्लेव की एक विशेषता होगी, जिसमें विंध्य क्षेत्र की समृद्ध और पारंपरिक खाद्य संस्कृति से प्रतिनिधियों को परिचय कराया जायेगा। बघेलखंड के विशिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेकर मेहमान स्थानीय स्वाद का आनंद उठाएंगे, जो न केवल स्वादिष्ट, बल्कि अत्यधिक पौष्टिक भी होंगे।

बघेलखंड के प्रमुख व्यंजन

     बगजा: बेसन से बनी जलेबी जैसी सेवई, जिसे दही के मट्ठे में डुबोकर तैयार किया जाता है, स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर।

     पनबुड़ा: चावल के आटे से बनी रोटी, जिसमें दाल का मिश्रण भरकर भाप में पकाया जाता है।

     रिचमच की सब्जी: विभिन्न दालों से बने पकौड़ों को दही की करी में पकाया जाता है, जो एक अनोखा और पौष्टिक व्यंजन है।

     रसाज की कढ़ी: हल्की और पाचक बेसन और दही से बनी कढ़ी, जो स्वाद और स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।

     महेरी: चावल और मट्ठे से तैयार एक हल्का और पौष्टिक व्यंजन, जो विंध्य क्षेत्र का विशेष भोजन है।

     दरभरी पूरी और गुड़म: दरभरी पूरी के साथ गुड़ की पारंपरिक मिठाई, जो ठंड के मौसम में लाभकारी मानी जाती है।

     खुरचन रोल: मलाई से बने इस मीठे रोल में कैल्शियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे विशेष बनाती है।

     लवंग लता: सूखे मेवों और घी से बनी यह मिठाई खास अवसरों पर बनाई जाती है।

     लाटा: महुआ के फल और तिल से बना लड्डू, जो बघेलखंड की विशेष मिठाई के रूप में जाना जाता है।

यह सभी व्यंजन स्वादिष्ट होने के साथ पोषक गुणों के कारण विंध्य क्षेत्र की खाद्य संस्कृति में खास स्थान रखते हैं। इनमें स्थानीय मसालों और शुद्ध सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।

यह कॉन्क्लेव औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के साथ देश और विदेश से आए प्रतिनिधियों को बघेलखंड की समृद्ध खाद्य परंपरा से परिचित कराएगा, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।

 

RO.No.- 12697 54

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker