राजनांदगांव : उजाड़ हो चुके दस एकड़ जमीन पर उद्यानिकी विभाग बनाएगा फलोद्यान, रोपे गए फलदार पौधे
खैरागढ़. ब्लॉक के पासलखैरा में दो साल पहले डीएमएफ मद से दस लाख से अधिक रुपए खर्च कर दस एकड़ में रोपे गए दो हजार पौधों की दुर्दशा के बाद वहां अब उद्यानिकी विभाग ने फलदार पौधे लगाकर महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की है।
पासलखैरा गांव मे दस एकड़ सरकारी जमीन पर जिला प्रशासन ने डीएमएफ मद से दस लाख की स्वीकृति देकर दो हजार पौधारोपण मनरेगा के तहत कराने के निर्देश दिए थे।
जनपद पंचायत द्वारा बिना किसी सुरक्षा और व्यवस्था के वहां पौधो का रोपण करा दिया था। महिला समूहों को देखरेख की जिम्मेदारी दी, लेकिन उनका भुगतान नही किया। दो माह बाद ही लगाए गए सारे पौधे नष्ट हो गए। लेकिन पंचायत और जनपद के अधिकारी इसमें निर्माण मे राशि खर्च करने से पीछे नही हटे। प्रारंभिक तैयारियों के बाद पौधे रोपे गए, देखरेख करेंगे
पौधो की सुरक्षा नही होने के चलते सारे पौधे खत्म हो गए। वहां सुरक्षा के लिए कराए गए फेंसिंग और बोर भी पूरी तरह तैयार नही हो सका। पौधो के नष्ट होने के बाद इस जगह का सदुपयोग करने उद्यानिकी विभाग ने बीड़ा उठाया है।
वहां सुरक्षा सहित प्रारंभिक तैयारियों के बाद फलदार पोैधे रोपकर इसकी सुरक्षा की व्यवस्था बनाई गई है। गांव की महिला समूहाें को इसकी जिम्मेदारी दे कर उसकी रोजाना देखभाल, सुरक्षा और व्यवस्था बनाने विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। महिलाओं को ही इससे लाभ होगा।
इस तरह आर्थिक लाभ होगा
उद्यानिकी विभाग ने यहां एक हजार से अधिक आम अमरूद, सीताफल, जामुन जैसे विभिन्न मौसमी फलों के पौधे रोपे है। इसकी रोजाना सुरक्षा और देखरेख हो रही है। महिलाओं को पौधों के पेड़ बनने के बाद उसके फलों की बिक्री कर स्वावलंबी बनने, रोजगार करने की सुविधा दी गई है। ताकि महिला समूह खुद इस फलोद्यान का संचालन अपने हाथो से कर सके। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक आरके मेहरा ने बताया कि उजाड़ हो चुके उक्त जमीन मे फलोद्यान लगाकर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने, स्वावलंबी बनाने की दिशा मे पहल कर फलदार पौधो का रोपण किया गया है। उच्च क्वालिटी के इन फलदार पौधो से दो से तीन साल मे ही फल मिलने शुरू हो जाएगें। इससे जगह मे वातावरण भी सुधरेगा तो महिला आत्मनिर्भर होकर फलोद्यान का संचालन कर सकेंगी।