स्लोगन दिवस पर लिखा-सबने यह ठाना हैए कोरोना को हराना है…
कोरोना सुरक्षा सप्ताह के छठे दिन भी हुए विविध आयोजन
राजनांदगांव। कोरोना सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जन जागरूकता के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विशेष सप्ताह के छठे दिन जिलेभर में दीवारों व सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से कोरोना की रोकथाम से संबंधित स्लोगन लिखकर स्लोगन लेखन दिवस मनाया गया। इसके पश्चात आखिरी दिन कोरोना रोकथाम के लिए स्वसंदेश दिवस मनाया जाएगा।
कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु स्लोगन लेखन दिवस के अवसर पर शहर के वार्डों में अन्य प्रेरक गतिविधियां भी आयोजित की गईं, जिसमें स्थानीय लोग मॉस्क लगाकर शामिल हुए और दो गज दूरी का पालन करते हुए कोरोना को हराने का संकल्प लिया। शहर के साथ ही पूरे जिले में प्रत्येक सरकारी अस्पताल व अन्य सार्वजनिक स्थानों के आसपास जनजागरूकता के लिए कई प्रेरक स्लोगन लिखे गए। फेसबुक, व्हाट्सएप व ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से भी सबने यह ठाना है, कोरोना को हराना है…व कोरोना से हर हाल में बनानी है दूरी, मॉस्क है जरूरी…जैसे कई स्लोगन साझा कर लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने की अपील की गई। स्लोगन के माध्यम से दोहराया गया किए कोरोना को हराकर स्वस्थ जीवन जीने के लिए मॉस्क, दो गज दूरी और सैनिटाइजर जरूरी है। कोरोना सुरक्षा सप्ताह के सातवें और आखिरी दिन स्वसंदेश दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक तथा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में स्वसंदेश का कार्यक्रम होगा। इसमें कोरोना से बचाव के संबंध में आमजनों के लिए संदेश प्रचारित किए जाएंगे। इससे पहले विशेष सप्ताह के अंतर्गत मॉस्क दिवस, शपथ दिवस, रंगोली दिवस, दीप दिवस व हस्ताक्षर अभियान दिवस मनाया गया, जिसमें कोरोना से बचाव हेतु लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया था।
इस संबंध में सीएमएचओ राजनांदगांव डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया, कोरोना की रोकथाम कर लोगों के लिए स्वस्थ व सुरक्षित जीवन का वातावरण निर्मित करना ही कोरोना सुरक्षा सप्ताह का मुख्य उद्देश्य है। इस दिशा में जिला प्रशासन की पहल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं और अब जनजागरूकता का भी व्यापक प्रभाव दिखने लगा है। मास्क लोगों की आदत में शामिल होने लगा है और लोग दो गज दूरी का महत्व भी समझने लगे हैं जो कोरोना नियंत्रण के लिए अच्छा संकेत कहा जा सकता है।