मध्य प्रदेश

हाई कोर्ट ने पूर्व डीजीपी पुरुषोत्तम शर्मा की पेंशन से हर माह 50 हजार रुपये काटकर पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया

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जबलपुर
 मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने पूर्व डीजी पुरुषोत्तम शर्मा की पेंशन से हर माह 50 हजार रुपये काटकर उनकी पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने निर्देश दिया कि यह रकम हर महीने की 10 तारीख को पत्नी को दी जाए। इसके अलावा, कोर्ट ने पुरुषोत्तम शर्मा को एक लाख रुपये की लिटिगेशन कास्ट भी भरने को कहा है।

कोर्ट ने भोपाल कुटुंब अदालत के उस आदेश को भी रोक दिया जिसमें पूर्व डीजीपी को याचिकाकर्ता पत्नी को एकमुश्त चार लाख रुपये देने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने पाया कि अधीनस्थ अदालत ने अपने विवेक का सही उपयोग नहीं किया था।

पूर्व डीजीपी की पेंशन एक लाख 12 हजार रुपये है, जिसमें से 50 हजार रुपये की कटौती करके प्रिया शर्मा को दिए जाएंगे। कोर्ट ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव को आदेश दिया कि पेंशन अधिकारी को इस आदेश की प्रति प्रदान की जाए ताकि इसका पालन हो सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि जुलाई की राशि हर हाल में 10 जुलाई तक भुगतान की जाए। प्रिया शर्मा ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
पुरुषोत्तम शर्मा कौन हैं?

आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा पुलिस मुख्यालय में विशेष पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत रहे हैं। उन्होंने योग्यता के अनुसार पोस्टिंग नहीं मिलने के कारण वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) की मांग की थी और इसके लिए 31 मई को आवेदन दिया था। पुरुषोत्तम शर्मा का पत्नी की पिटाई करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके आधार पर सरकार ने सितंबर 2020 में उन्हें निलंबित कर दिया था। इस कार्रवाई के खिलाफ शर्मा ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में याचिका दायर की थी। मई 2022 में न्यायाधिकरण ने उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था।

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