छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : स्वदेशी मेला का आज आखिरी दिन ,पंडरिया विधायक बोलीं- ऐसे मेलों के जरिए जगती है देशभक्ति, छोटे कुटीर उद्योगों का बढ़ने लगा व्यापार

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राजनांदगांव के स्टेट हाई स्कूल मैदान में स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित स्वदेशी मेले के पांचवें दिन के कार्यक्रम में पंडरिया विधायक भावना बोहरा शामिल हुई। इस दौरान उन्होंने स्वदेशी मेले की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे मेलों के माध्यम से लोगों के अंदर स्वदेशी और देशभक्ति की भावना जागृत होती है, जिसके कारण आज छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों का व्यापार बढ़ने लगा है।

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने कहा कि देश के मामले में स्व का लगना जरूरी है, लेकिन जरूरतमंद के लिए परहित का संदेश भारतीय संस्कृति देती है। लोगों की मदद करना यह हमें भारतीय संस्कृत में सिखाया जाता है। हमें छोटे-छोटे व्यापारियों से खरीदी करनी चाहिए, ताकि छोटे लोग आत्मनिर्भर बने।

स्वदेशी मेले की तरफ लोगों का बढ़ा है रुझान

अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तुलसीदास ने कहा कि प्राचीन काल से भारत वेद, अध्यात्म, विज्ञान, चिकित्सा, शिक्षा संस्कृति के माध्यम से अन्य देशों को प्रेरणा दे रहा था, लेकिन विदेशियों की गुलामी के कारण हमारा स्वाभिमान खत्म हो गया।

बहुत पहले विदेशी वस्तुओं की होली जलाकर और गीतों के जरिए लोगों को जागृत करने का काम हुआ, लेकिन जो जागृति स्वदेशी मेले से आई है वह अनुकरणीय है। धीरे-धीरे स्वदेशी आवाहन से लोगों का स्वाभिमान जाग रहा है। आज वेस्टर्न युग की तरफ जाने वाले लोग बर्बाद हो रहे हैं, और वापस स्वदेशी की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है।

हर क्षेत्र के लोगों की कला विकसित हो रही

मेले के संयोजक कोमल सिंह राजपूत ने कहा कि देश के पीएम मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत वनवासी क्षेत्र और गांव के पारंपरिक सुतार, लोहार, बढ़ई जैसे कला को विकसित करने के लिए उन्हें मदद करने की योजना बनाई। रक्षा के क्षेत्र में भी हम स्वदेशी कलपुर्जों का निर्माण कर रहे हैं। इसके कारण मिसाइल, रॉकेट लांचर आज हम विश्व के कई देशों को बेच रहे हैं।

अपने देश के सामानों का उपयोग ही देशभक्ति

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नीलू शर्मा ने कहा कि अपने देश में निर्मित सामानों का उपयोग करना ही देशभक्ति है और उद्यमिता को बढ़ावा देना ही भारतीय संस्कृति है। प्रदेश भाजपा महामंत्री राम जी भारती ने भी प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोकल फॉर वोकल का नारा जन-जन का संकल्प बन चुका है।

100 से अधिक स्टॉल, आज मेले का अंतिम दिन

मेले में 100 से अधिक दुकानों के माध्यम से लाखों की संख्या में स्वदेशी उत्पाद उपलब्ध हैं, जिसे जनता पसंद कर रही है। बता दें कि भारतीय विपणन विकास केंद्र द्वारा आयोजित स्वदेशी मेले का 16 फरवरी को शुभारंभ हुआ। इस मेले का आज यानी 22 फरवरी को अंतिम दिन है।

मेले में हैंडीक्राफ्ट, लघु एवं कुटीर उद्योग के उत्पाद, एजुकेशन, रियल स्टेट, ऑटो इंडस्ट्रीज, टेक्सटाइल, हैंडलूम, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सामाजिक, हेल्थ सेक्टर, सर्विस सेक्टर, फर्नीचर, टेलीकॉम आदि के स्टॉल्स देखने को मिल रहे है। मेले में शहरवासियों के लिए आकर्षक फूड स्टॉल एवं बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं।

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