राजनांदगांव : मेडिकल कॉलेज का चौथा बैच तैयार, 100 से ज्यादा डॉक्टर्स पूरे छत्तीसगढ़ में देंगे सेवा

मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने वाले पास आउट 100 एमबीबीएस डॉक्टर्स प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सेवा देंगे। एमबीबीएस की पढ़ाई और इंटर्नशिप के बाद डॉक्टरों ने प्रदेश में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए अप्लाई किया था जिनकी सूची जारी हो चुकी है। डॉक्टर्स 2 साल बांड पर सेवा देंगे। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से बनी डॉक्टरों की कमी दूर होगी साथ ही नक्सल इलाकों में मरीजों की जांच एवं इलाज व्यवस्था में सुधार होगा।
शहर के पेंड्री वार्ड में दस साल पहले करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से 500 बेड का मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया गया। साल 2014 में इसका शुभारंभ किया गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल से डॉ. मंदीप सिंह मीणा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की 100 सीटों में हर साल एडमिशन हो रहा है। कोरोना काल के कारण एमबीबीएस की पढ़ाई और इंटर्नशिप पूरा करने में थोड़ा अधिक समय लगा है। साल 2017 में यहां डॉक्टर्स बनने एडमिशन लेने वाले मेडिकल स्टूडेंट अब मेडिकल अफसर बन गए है। मेडिकल कॉलेज का यह चौथा बैच है जो अब प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में सेवा देंगे। नक्सल प्रभावित जिलों के सरकारी अस्पतालों और सीएचसी में सेवा देने सूची जारी की गई है।
सरकार द्वारा निकाली गई वेकेंसी में यह स्पष्ट किया गया था कि इन डॉक्टरों को नक्सल प्रभावित इलाकों में सेवा देनी होगी। प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों में डॉक्टरों के खाली पड़े पदों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें चयनित डॉक्टरों की फाइनल सूची भी जारी कर दी गई है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद डॉक्टरों को ज्वाइनिंग लेटर मिल चुका है। यह डॉक्टर्स 2 साल बांड पर सेवा देने के बाद परमानेंट होने की दौड़ में शामिल हो जाएंगे। एमसीएच से प्रतिवर्ष डॉक्टरों का नया बैच तैयार हो रहा है।