राजनांदगांव : कृषक चौपाल में 29 करोड़ खर्च – राजनांदगांव के 97 सोसायटी प्रबंधकों से मांगा गया हिसाब, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष की बढ़ी मुश्किलें
राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में चुनाव के पहले से सोसायटियों में कृषक चौपाल के नाम पर भारी-भरकम रकम खर्च की गई। उस दौरान गांव-गांव में कृषक चौपाल का आयोजन किया गया। हर समिति से तीन-चार लाख रुपए मौखिक रूप से खर्च कराए गए। अब जब सरकार बदली तो हिसाब-किताब मांगा जा रहा है। जिला पंचायत की साधारण सभा में गत दिनों यह मुद्दा उठने के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ ने दो जिलों के 97 सोसायटी प्रबंधकों से इसका हिसाब मांगा है। बताया जा रहा है कि करीब 29 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
उन्होंने प्रबंधकों को नोटिस जारी कर किए गए खर्च की पूरी जानकारी मांगी है। बताया जा रहा है कि चौपालों में कुल मिलाकर कम से कम ढाई से तीन करोड़ रुपए खर्च किए गए, जिनका वहन समिति प्रबंधकों ने पूर्व अध्यक्ष नवाज खान के मौखिक आदेश पर कर दिया गया। अब सरकार बदली तब जाकर बैंक के भी अफसर हरकत में आ गए हैं और फाइलें खंगाली जा रही हैं।
बैंक शाखा प्रबंधक थे नोडल अधिकारी
कृषक चौपाल कार्यक्रम में बैंक के शाखा प्रबंधकों के मौखिक आदेश और दबाव में सोसायटियों द्वारा जन चौपाल कार्यक्रम कराया गया। जन चौपाल कार्यक्रम के नोडल अधिकारी बैंक शाखा प्रबंधक ही थे। उन्होंने सोसायटी फंड से यह कार्यक्रम कराया और नोडल अधिकारी बन कर बाकायदा इसकी मॉनिटरिंग की।
4 जनवरी तक देने तक हिसाब देने का आदेश
उप पंजीयक सहकारी संस्था द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को सोसायटियों से जन चौपाल में खर्च की गई राशि का हिसाब देने आदेश जारी किया है। इधर बैंक ने अपने अधीन जिले के विभिन्न शाखाओं के प्रबंधकों को सोसायटियों के द्वारा खर्च की राशि गई राशि का हिसाब उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं को 4 जनवरी तक देने तक आदेश जारी किया है।
बिना लिखित आदेश कराए गए चौपाल
आरोप है कि नवाज खान अपने मनमर्जी आदेश निकालकर मौखिक आदेश पर अनेकों कार्य करवाए, जिसकी जांच भी संभव है। इससे प्रतीत होता है की नमाज खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कृषक चौपाल कराने कोई लिखित आदेश नहीं था। इसके बाद भी हर समिति में इस कार्यक्रम को कराने लाखों रुपए खर्च किया गया। कृषक चौपाल कराने समिति प्रबंधकों एवं कर्मचारियों का सहयोग भी लिया गया।
शाखा प्रबंधकों ने पास किया बिल
इधर शाखा प्रबंधकों ने बाकायदा बिल भी पास कर दिया, लेकिन अब उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं के आदेश पर शाखा प्रबंधक सोसाईटयों से इसका हिसाब मांग रहे हैं। हिसाब में गड़बड़ी मिली तो सोसाइटियों से इसकी रिकवरी की जा सकती है, जबकि कर्म खर्च का ज्यादा बिल बनाने और बाकायदा बैंक शाखा प्रबंधकों द्वारा पास करने की जानकारी आ रही है।
राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में चुनाव के पहले से सोसायटियों में कृषक चौपाल के नाम पर भारी-भरकम रकम खर्च की गई।
सोसायटी के कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति
बैंक के शाखा प्रबंधकों और सुपरवाइजरों में हिसाब देने के लिए दबाव बनाने से समिति कर्मियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। सवाल यह है कि प्रशासन इसको रिकवरी शाखा प्रबंधकों से करेगी या सोसायटियों से दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है। उस समय कई आयोजनों में ग्रामीणों को भोजन भी कराया गया। उसके भी खर्च समितियों के माध्यम से वहन किया गया था।
बेहिसाब खर्च, बाजे-गाजे के साथ पंडाल भी लगाया
शासन की योजनाओं की जानकारी देने के उद्देश्य लेकर जिलेभर की सोसायटियों में जन चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए गए। सोसायटियों में पंडाल और बाजे-गाजे, साउंड सिस्टम लगाने, किसानों को भोजन कराने सहित झंडा, बैनर, पोस्टर लगाने, किसानों को श्रीफल और शाल से सम्मानित करने में प्रति सोसायटी में 3 से 4 लाख रुपए सोसायटियों के फंड से खर्च किए गए। इसका लिखित आदेश नहीं था और बैंक शाखा प्रबंधकों ने मॉनिटरिंग की थी।
बैंक सीईओ ने शाखा प्रबंधकों से हिसाब मांगा।
लिखित आदेश के बिना यह चौपाल
उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं शिल्पा अग्रवाल का कहना है कि जिला पंचायत में साधारण सभा में किसी जिला पंचायत सदस्य द्वारा यह जानकारी मांगी गई थी।उन्होंने बताया कि हमने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को 4 जनवरी तक इस मामले में पूरी जानकारी भेजने के लिए पत्र प्रेषित किया है।
राजनांदगांव में बैंक सीईओ ने अपने शाखा प्रबंधकों से हिसाब मांगा
ईश्वर श्रीवास बोले- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ईश्वर श्रीवास ने कहा कि उल्टा चोर कोतवाल डांटे वाली कहावत साबित हो रही है। बैंक सीईओ ने अपने शाखा प्रबंधकों से हिसाब मांगा है कि किसके दबाव और मौखिक आदेश पर चौपाल कराई। उन्होंने इसको मॉनिटरिंग की और बिल पास किया। इसमें सोसाइटी जवाब नहीं देगी। शनिवार को बैठक कर इसमें संघ निर्णय लेगा।