गोटेगांव के शासकीय निरंजन सिंह कालेज में लगी आग, दस्तावेज खाक
गोटेगांव
गोटेगाव नगर के ठाकुर निरंजन सिंह महाविद्यालय में अचानक ही आग लग गई। आग लगने से महाविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्टोर रूम एवं प्राचार्य रूम में आग की सूचना मिलते ही नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि जितेंद्र ठाकुर, पार्षद जितेंद्र पुरोहित, दीपक सोनी सहित पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और दमकल को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची दमकल ने करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद आग को काबू में किया। गोटेगांव स्थानीय ठाकुर निरंजन सिंह महाविद्यालय कालेज के स्टोर रूम एवं प्राचार्य रूम में शुक्रवार दोपहर दो ढाई बजे आग लग गई। स्टोर में पिछले वर्षों के प्रवेश से संबंधित फार्म आदि और दस वर्षों पुराना कुछ रिकार्ड रखा हुआ था। कागजों के कारण आग काफी तेजी से फैली। आग से कालेज में अफरा-तफरी की स्थिति हो गई। आग से कालेज की बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई। वहीं दस्तावेज जलकर खाक हो गए।
छत से कूदकर कर भागे विद्यार्थी
महाविद्यालय में अचानक से आग लगने के कारण कई विद्यार्थियों ने महाविद्यालय की छत से कूदकर जान बचाई और मौके से भागे। यहां आग से बचाव के साधन भी नहीं थे। शासकीय महाविद्यालय होने के बाद भी यहां लापरवाही बरती गई। जहां पर आग लगी हुई थी उसी के बगल में बाहर निकलने का रास्ता था जो कि बंद हो गया था। आग तेजी से फैली जिसके कारण विद्यार्थियों को महाविद्याल की छत से कूदकर जान बचानी पड़ी। महाविद्याल के छत की ऊंचाई अधिक नहीं थी जिसके कारण समझबूझ से बच्चों ने खुद की जान बचाने में सफल हुए। अगर यह आग किसी ऊंची इमारत में लगती तो गुजरात से सूरत में विगत वर्षों हुए अग्नि हादसे जैसा मंजर हो सकता था। जहां कोचिंग संस्थान में आग से कई बच्चे छत से कूद-कूदकर भी मौत के मुह में समा गए थे।
शार्ट सर्किट के चलते हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि अचानक ही हुई शार्टसर्किट के चलते महाविद्यालय में आग लग गई थी। अच्छी बात यह है कि इस पूरी घटना में किसी तरह की जन हानि नहीं हुई है। महाविद्यालय के प्राचार्य का कहना है कि शार्ट सर्किट के चलते लगी आग से धुआं उठा था। तुरंत दमकल की मदद से आग पर पूरी तरह से काबू कर लिया गया है। वहीं अब यह भी देखा जा रहा है कि अचानक से आखिर कैसे शार्टसर्किट हुआ। घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
मामले की हो सूक्ष्मता से जांच
शासकीय महाविद्यालय में अचानक आग लगाना महाविद्यालय स्टाफ की लापरवाही को उजागर करती है। चर्चा में यह भी है कि स्टाफ में लंबे समय से विवाद चल रहा है। पूर्व में बिजली संबंधित कार्यों और बिलों का भुगतान भी कराया गया है। अगर ऐसा हुआ है तो फिर शार्टसर्किट का होना संदेह की नजर से देखा जा रहा है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मामले के अगर सूक्ष्मता से जांच होती है तो उसमें और भी तथ्य सामने निकल कर आ सकते हैं। जानकार बताते हैं कि मामले में कॉलेज के स्टाफ का हाथ भी हो सकता है।